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Showing posts from June, 2021

मुंशी प्रेमचंद्र की कहानी बड़े भाई साहब

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   बड़े भाई साहब मुझसे पाँच साल बड़े थे , लेकिन केवल तीन दरजे आगे । उन्होंने भी उसी उम्र में पढ़ना शुरू किया था , जब मैंने शुरू किया ; लेकिन तालीम जैसे महत्त्व के मामले में वह जल्दीबाजी से काम लेना पसन्द न करते थे । इस भवन की बुनियाद खूब मजबूत डालना चाहते थे , जिस पर आलीशान महल बन सके । एक साल का काम दो साल में करते थे । कभी - कभी तीन साल भी लग जाते थे । बुनियाद ही पुख्ता न हो तो मकान कैसे पायेदार बने ? मैं छोटा था , वह बड़े थे । मेरी उम्र नौ साल की थी , वह चौदह साल के थे । उन्हें मेरी तंबीह और निगरानी का पूरा , जन्मसिद्ध अधिकार था । और मेरी शालीनता इसी में थी कि उनके हुक्म कानून सम । वह स्वभाव से बड़े अध्ययनशील थे । हरदम किताब खोले बैठे रहते और शायद दिमाग को आराम देने के लिए कभी कापी पर , कभी किताब के हाशियों पर चिड़ियों , कुत्तों , बिल्लियों की तसवीरें बनाया करते थे । कभी - कभी एक ही नाम या शब्द या वाक्य दस बीस बार लिख डालते । कभी एक शेर को बार - बार सुन्दर अक्षरों में नकल करते । कभी ऐसी शब्द - रचना करते , जिसमें न कोई अर्थ होता , न कोई सामंजस्य । मसलन एक बार उनकी कापी पर

वैक्सीन सर्टिफिकेट कैसे डाउनलोड करे

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 नमस्कार दोस्तों जैसा की आप जानते है  की भारत में covid 19  की वैक्सीन टीकाकरण बहुत तेजी से चल रहा है ऐसे में जिन लोनो ने वैक्सीन की एक या दो डोज लगवा ली है उन्हें सरकार एक सर्टिफिकेट  उपलब्ध करवा रही है जिससे यह पता चलता है कि अपने वैक्सीन लगवा ली है   सर्टिफिकेट डाउनलोड करने के लिए कई प्लेटफॉर्म उपलब्ध है इसमें सबसे आसान प्लेटफॉर्म अरोग्यसेतु arogya setu है। जो की लगभग सभी के मोबाइल में उपलब्ध रहता सर्टिफिकेट डाऊनलोड करने के लिए सबसे पहले आरोग्य सेतु ऐप को ओपन करे इसके बाद दाहिनी तरफ एक ऑप्ट्सन covin कोविन लिखा हुआ एक ऑप्शन दिखे गा जिसपर क्लिक करने पर एक फोल्डर खुलता है जिसमे नीचे एक ऑप्सन होगा वैक्सीन pramad patra  डाउनलोड करे इसपर क्लिक करने पर एक और ऑप्शन आयेगा अपना apna pramad patra क्रमांक डालें। यह pramad patra kramank आपने जब वैक्सीन लगवाई होगी तब आपके  मोबाइल पर massage में आया होगा  जब आप यह क्रमांक डालेंगे तब आपका सर्टिफिकेट खुल जायेगा जिसे आप डाउनलोड कर सकते है  

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस विशेष

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 जैसा की आज अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस है इस अवसर पर आज हम योग के बारे में चर्चा करेंगे और कुछ महत्वपूर्ण योग आसनों के बारे में चर्चा करेंगी जो हम अपने दैनिक जीवन में शामिल कर अपने तन और मन दोनों को स्वस्थ रख सकते है  ताड़ासन   इससे शरीर की स्थिति ताड़ के पेड़ के समान हो जाती है , इसीलिए इसे ताड़ासन कहते हैं । ताड़ासन और वृक्षासन में फर्क होता है । यह आसन खड़े होकर किया जाता है । पंजे के बल खड़े रहकर दोनों होथों को उपर ले जाकर फिर फिगर लॉक लगाकर हाथों के पंजों को ऊपर की ओर मोड़ दें और अर्थात हथेलियां आसमान की ओर रहें । गर्दन सीधी रखें । यह ताड़ासन है । गोमुखासन  आकृति गाय के मुख के समान बन जाती है इसीलिए इसे गोमुखासन कहते हैं । दंडासन में बैठते हुए अब बाएं पैर को मोड़कर एड़ी को दाएं नितम्ब के पास रखें । दाहिने पैर को मोड़कर बाएं पैर के ऊपर एक दूसरे से स्पर्श करते हुए रखें । इस स्थिति में दोनों जंघाएं एक - दूसरे के ऊपर रखा जाएगी जो त्रिकोणाकार नजर आती है । फिर दाहिने हाथ को ऊपर उठाकर दाहिने कंधे को ऊपर खींचते हुए हाथ को पीछे पीठ की ओर ले जाएं तब बाएं हाथ को पेट के पास से पीठ के पीछे से

कटहल

कटहल के गुणों की बात करें तो इसमें आयरन , विटामिन ए व सी , थाइमिन , पोटैशियम , कैल्शियम , राइबोफ्लेविन और जिंक की भरपूर मात्रा होती है । कटहल की दो प्रजातियां होती हैं । एक मुलायम पल्प वाली और दूसरी ठोस पल्प वाली । चंपा , सीमापुरी , रुद्रासी , पडरौना , खाजा व गुलाबी किस्में भी होती हैं ।  पोषक तत्व  प्रति 100 ग्राम 73.46 ग्राम पानी ऊर्जा 95 कैलोरी प्रोटीन 1.72 ग्राम आयरन फैट 0.64 ग्राम कार्बोहाइड्रेट 23.25 ग्राम फाइबर 1.5 ग्राम कैल्शियम 24mg मैग्नीशियम29mg फास्फोरस 21mg पोटैशियम 448mg सोडियम 2mg जिंक 0.13mg  फायदे • कटहल में मौजूद विटामिन - सी हृदय रोग जैसी घातक बीमारियों से बचाता है । इसमें मौजूद आयरन दिल को मजबूत रखता है । एनीमिया जैसी बीमारी में भी कटहल फायदेमंद है । • इसमें फाइबर की मात्रा अधिक पाई जाती है , जो पाचनतंत्र के लिए फायदेमंद होती है । फाइबर आंतों की कोशिकाओं को स्वस्थ रखता है । • इसके सेवन से हड्डियां मजबूत होती हैं । कटहल में कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है , जो हड्डियों की मजबूती और विकास के लिए जरूरी तत्व है । • विज्ञानियों ने कैंसर जैसी बीमारी से बचने के ल

इजराइल एक अनोखा देश

 दुनिया के सबसे ताकतवर देशों में से एक इजराइल . विश्वभर में यहूदी धर्म को मानने वाला एकमात्र देश इजराइल . इस देश का इतिहास भारत से काफी मिलता - जुलता है . भारत की तरह आजादी के बाद फिलिस्तीन भी तीन भागों में बंटा . जिसमें एक हिस्सा यहूदियों को इजराइल के रुप में मिला और बाकी दो हिस्सा अरबों को मिला . आज हम आपको फिलिस्तीन से अलग होकर बने इस नए देश इजरायल के जन्म की कहानी बताने वाले हैं   ईजरायल भारत के लिए काफी अहमियत वाला देश है . पहली बार कोई भारतीय पीएम इजरायल जा रहा है , इसलिए दोनों देशों में इस दौरे के लिए काफी उत्साह है . इजरायल का इतिहास भी भारत से ही मिलता- -जुलता है , पढ़ें आखिर क्या है इसका इतिहास ... दुनिया के सबसे ताकतवर देशों में से एक इजराइल . विश्वभर में यहूदी धर्म को मानने वाला एकमात्र देश इजराइल . इस देश का इतिहास भारत से काफी मिलता - जुलता है . भारत की तरह आजादी के बाद फिलिस्तीन भी तीन भागों में बंटा . जिसमें एक हिस्सा यहूदियों को इजराइल के रुप में मिला और बाकी दो हिस्सा अरबों को मिला . आज हम आपको फिलिस्तीन से अलग होकर बने इस नए देश इजरायल के जन्म की कहानी बताने वा

मनुष्य द्वारा की जाने वाली आर्थिक क्रियाएं

 मानव द्वारा किए जाने वाले वे क्रियाकलाप जिनसे उसे आय प्राप्त होती है , आर्थिक क्रिया कहलाती है । आर्थिक क्रियाएँ प्रधानतः चार प्रकार की होती हैं  ( 1 ) प्राथमिक क्रियाएँ- प्राथमिक क्रियाएँ वे क्रियाएँ होती हैं जो मूल रूप से प्रकृति प्रदत्त संसाधनों पर निर्भर होती है । इन क्रियाओं का सीधा संबंध प्राकृतिक वातावरण से होता है । मूल रूप से आखेट , खाद्य संग्रहण , घास काटना , भोजन संग्रह , पशुचारण , मत्स्य पालन , कृषि व खनन आदि क्रियाएँ प्राथमिक क्रियाएँ कहलाती हैं ।  ( ii ) द्वितीयक क्रियाएँ- द्वितीयक क्रियाएँ वे आर्थिक क्रियाएँ हैं जिनका सीधा संबंध प्राकृतिक पर्यावरण से तो नहीं होता , किंतु ये आर्थिक क्रियाएँ परोक्ष रूप से प्राकृतिक पर्यावरण पर निर्भर अवश्य करती हैं । इस प्रकार की आर्थिक क्रिया में किसी वस्तु को साफ , परिष्कृत व परिवर्तित करके प्रयोग में लाया जाता है । इस वर्ग में प्राथमिक क्रियाओं से प्राप्त वस्तुओं को परिष्कृत कर नवीन वस्तु का निर्माण किया जाता है । जैसे लौह अयस्क से लौह - इस्पात बनाना , कपास से सूती वस्त्र बनाना , गन्ने से चीनी बनाना आदि ।  ( iii ) तृतीयक क्रियाएँ- त

कोरोना कई राज्यो में काबू से बाहर

 जैसा की हम देख रहे है कि कोरोना की दूसरी लहर ने भारत में बहुत बड़े पैमाने पर कहर बरपाया है और लोगो  की जाने ली है इसके पीछे लोगो की लापरवाही भी बहुत हद तक जिम्मेदार है और समय रहते लोग सजग हो जाते तो इतने बड़े पैमाने पर जान माल का नुकसान न पहुचता जैसा की अब कोरोना कुछ हद तक काबू में है और सरकार द्वारा लोगो को कुछ छूट दी गई है इसका मतलब  यह नही है लोग लापरवाह हो जाये और तीसरी लहर सुरु हो जाये जिसका अंदाजा लगाया जा रहा है जिसमे समस्या और भयावह होगी। इसलिए मेरी लोगो से यही अपील है कि अपने आप को और दूसरों को बचा कर रखे इसके लिए  कुछ सावधानियां है जिनका पालन करे और एक अच्छे नागरिक होने का परिचय दे