खजुराहो मंदिर

भारत की महान धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत में से एक रूप में खजुराहो मंदिरों का अपना विशेष स्थान है। खजुराहो छत्तीसगढ़ राज्य, भारत में स्थित है और यहां के मंदिरों की सुंदरता, विस्तार और मूर्तिकला का मशहूर रूप है। यहां के मंदिरों का निर्माण चंदेल राजवंश के समय में किया गया था, और इनका निर्माण समय आठवीं से दसवीं शताब्दी के बीच माना जाता है। खजुराहो मंदिरों के विचित्र रूप, उनकी शृंगारिकता, और सुंदर नगरीय कला का अद्वितीय संगम यहां के दर्शनीय स्थलों को दुनिया भर में प्रसिद्ध करता है। खजुराहो के मंदिर समूह को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है। इन मंदिरों में से प्रमुख मंदिरों में खजुराहो लखणवी मंदिर, देवी जगदम्बा मंदिर, चित्रकूट मंदिर, और महादेव मंदिर शामिल हैं। इन मं दिरों की मूर्तियों की शृंगारिकता, सजावट, और सच्ची कला का प्रदर्शन करती हैं। खजुराहो मंदिरों की विशेषताओं में से एक विशेषता उनके निर्माण में प्रयुक्त विशेष पत्थर है, जिसे संस्कृत में 'काख्य' कहा जाता है। यह पत्थर अत्यंत सख्त होता है और इसे नर्म पत्थर में रूपांतरित करने के लिए विशेष तकनीक का उपयोग किया जाता है। इस पत्थर पर मंदिरों में चित्रों की गाढ़ी विचित्र छवियों का निर्माण किया जाता है, जिससे मंदिरों को उनका अद्वितीय और आकर्षक रूप प्राप्त होता है। इन मंदिरों में एक और महत्वपूर्ण विशेषता यहां के मूर्तियों के शृंगार में है। यहां की मूर्तियाँ आपको दिव्यता और कला की अद्भुत संग्रहशीलता का अनुभव कराती हैं। मुख्य रूप से, ये मूर्तियां वाम मार्ग की कला का प्रतीक हैं और सम्पूर्ण श्रीलंकाई कला में इनका विस्तार हुआ है। मूर्तियों में सुंदर शारीर, भगवानी के शालीन आंग, और रंगबिरंगे शृंगार के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त होती है। खजुराहो मंदिरों की यात्रा के दौरान, यात्री भारतीय साहित्य, धार्मिक तत्वों, और धर्म की अद्भुतता के प्रति एक नई समझ प्राप्त करते हैं। यहां के मंदिरों के प्रत्येक भव्य मन्दिर दर्शनीय स्थलों का एक महान परिचय प्रदान करता है, जहां विजिटर्स अपने अंतरंग स्वरूप को पुनः जागृत करते हैं और भारतीय संस्कृति और विरासत का आनंद लेते हैं। इस प्रकार, खजुराहो मंदिरों ने दर्शकों को आदिकाल से प्राचीनता तक की एक सफ़र पर ले जाया है, जहां वे वास्तविकता के साथ प्राचीनता की अद्भुतता का आनंद ले सकते हैं। खजुराहो मंदिरों का दौरा करके, व्यक्ति इस प्राचीन विरासत के प्रतीक बनता है और एक अद्वितीय और आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करता है। यहां की मंदिरों का दर्शन करने के द्वारा, व्यक्ति सांस्कृतिक धरोहर की अमूल्य महत्ता को महसूस करता है और उसकी सुंदरता के साथ सम्पूर्ण विश्व में उच्च स म्मान प्राप्त करता है।

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