जाने अदरख के बारे
आज हम चर्चा करेंगे अदरख के बारे में जैसा की हम सभी को अदरख के बारे में पहले से ही पता होगा परंतु इसकी औषधीय ज्ञान जितना हो कम ही होगा।
चलिये इसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं।
चलिये इसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं।
उत्पत्ति
अदरख south asia का एक देसज पौधा है अदरख जड़ न होकर एक तना है
यह मिट्टी के अंदर horizontal बढ़ता है और और तने में प्रचुर मात्रा में भोज्य पदार्थों के होने के कारण यह मोटा हो जाता हैं
सका वैज्ञानिक नाम zinziber officinale है।
अदरख का प्रयोग
अदरख का प्रयोग बहुत बड़े पैमाने पर किया जाता है भारत में तो इसके बिना सुबह ही नही होती है कहने का तात्पर्य यह है कि चाय में बिना अदरख के कोई स्वाद नही होता है
सुखी अदरख को सोढ़ कहते है जिसका प्रयोग सब्जि के मसालो में किया जाता है अदरख की कैंडी भी बनाई जाती है जिसका स्वाद खाने में बहुत अच्छा होता है इसके अलावा अदरख का अचार भी बनाया जाता है अदरख में कोई बीज नही होता है इसकी कांड या कली को ही छोटे-छोटे टुकड़े करके जमीन में गाड़ दिया जता है जिससे नया पौधा तैयार हो जाता है
अदरख के औषधीय प्रयोग
अदरख का सर्दी में काढ़ा बनाकर पिया जाता है जिससे सर्दी जुखाम में राहत मिलती है।
अदरख में बहुत सारे विटामिन्स पाये जाते है है इसके अलावा मैंगनीज और कापर प्रचुर मात्रा में पाए जाते है जिनका हमारे शरीर में बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है
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इसके अलावा अदरख के जूस में सूजन कम करने की जबरदस्त शक्ति होती है और जिन लोगो के पैरो के घुटनो में सूजन होती है उनको इसका प्रयोग जरूर करना चाहिए
अदरख का प्रयोग ब्लड प्रेशर में बहुत फायदा करता है क्योंकि इसमें खून को पतला करने की सक्ति बहुत ज्यादा होती है
इसके अलावाअदरख त्वचा रोग में भी फायदा पहुचाती हैं
अदरख को चाट इत्यादि में भी डालते है जिससे उसका स्वाद तो बढ़ता ही है उसे पचाने में भी मदद करती है क्योंकि यह पचे हुए भोजन को मलद्वार की तरफ धकेलती है
अदरख का प्रयोग विक्स आदि में भी होता हैं
तो ये रही अदरख के बारे में छोटी सी जानकारी ये जानकारी आपको कैसी लगी हमे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं
धन्यवाद्
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